अखिल भारतीय रेगर महासभा का प्रतिनिधि सम्मेलन
युवा पीढ़ी संतों के विचारों को आत्मसात कर राष्ट्रीय विकास के मार्ग पर चल सकेंगे


रैगर समाज के संत आत्माराम लक्ष्य के पैनोरमा का होगा निर्माण - मुख्यमंत्री
![]() | ||
तस्वीर पर पुष्प अर्पित करते सीएम
|
रेगर समाज के राजनीतिक क्षेत्र में पिछड़ने पर सांसद योगेंद्र चाँदोलिया ने जताई चिंता ।
![]() | ||
|
रेगर समाज को शिक्षा के साथ अन्य क्षेत्रों में भागीदारी निभानी होगी।
विधायक रामसहाय वर्मा ने कहा कि रेगर समाज को और क्षेत्र में भी भागीदारी निभानी होगी तभी समाज का भला हो सकता है। अखिल भारतीय रेगर महासभा राष्ट्रीय अध्यक्ष बी एल नवल ने कहा कि राजस्थान में रैगर समाज की आबादी 30 लाख से अधिक है। रेगर समाज के युवाओं को रोजगार से जोडे । इसके लिए सरकार को विशेष योजना तैयार करना चाहिए । युवाओं में संस्कार का अभाव आया है इस पर भी चिंतन मनन करने की आवश्यकता है ।
भीलवाडा रायला के काँग्रेस प्रत्याक्षी नरेन्द्र कुमार रेगर ने भी समाज को संबोधित करते हुए बताया की समाज की कुरीतियाँ त्यागने से ही समाज की प्रगति संभव है । राजनीतिक हिस्सेदारी के लिए समाज का शिक्षित होना जरूरी है ।
समाज बंधुओ के लिए भोजन व्यवस्था करने वाले सांगानेर निवासी भामाशाह नाथूलाल बेरवाल व मनभर देवी बेरवाल दंपति एंव समाज के नव चयनित आईएएस का भी महासभा द्वारा सम्मान किया ।
इस दौरान पूर्व राज्य मन्त्री विकेश खोलिया पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर एस के मोहनपुरिया, समारोह संयोजक राम अवतार कुलदीप, सह संयोजक डॉक्टर एस एन धौलपुरिया मौजूद रहे। रैगर महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामावतार कुलदीप ने कार्यक्रम में पधारे रैगर समाज के लोगों का आभार प्रकट किया । कार्यक्रम का संचालन रैगर महासभा के राष्ट्रीय महासचिव बद्रीनारायण झिंगोनिया द्वारा किया गया
चांदी की मोजड़ी रही आकर्षण का केंद्र
![]() | |
|
जोधपुर शहर रैगर समाज के शिल्पकार फुलवारी बंधुओ ने चांदी के तार से सिली हुई जोधपुर की प्रसिद्ध मोजड़ी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भेंट कर मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी कला और समाज का परंपरागत कार्य का प्रदर्शन किया । हालांकि मुख्य मन्त्री ने जूतियों को स्वीकार कर वापस कर दी
रेगर समाज के पेनोरमा का श्रैय लेने की मची होड ।
रेगर महासभा में राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष सीताराम मोर्य ने मुख्य मन्त्री द्वारा पेनोरमा निर्माण की घोषणा करने पर आपत्ति जताते हुए बताया की गहलोत सरकार द्वारा रैगर समाज को पेनोरमा स्वीकृत किया जा चुका था । जिसका वर्क ऑर्डर भी तीन करोड़, तीन लाख, पचीस हज़ार, चार सों छियत्तर रूपये, चोतीस पैसे का जारी हो चुका था है । जबकि भाजपा सरकार ने तो अब तक पेनोरमा के कार्य को रोक रखा था । अब मुख्य मन्त्री भजनलाल शर्मा दुबारा पेनोरमा की घोषणा कर रहे है तो यहां समाज को गुमराह किया जा रहा । वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष की निष्क्रियता के कारण इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई, जिससे इस पर आगे कुछ भी प्रगति नहीं हो सकी । मोर्य ने कहा की रेगर समाज को दिया कुछ नहीं बल्कि गुमराह किया जा रहा है। मंच संचालक एंव रैगर महासभा के राष्ट्रीय महासचिव बद्रीनारायण झिंगोनिया ने मोर्य की आपत्ति का जवाब देते हुए कहा की गहलोत सरकार मे कार्यकाल पूरा होते समय अंत में की गई सभी घोषणाए सिर्फ चुनावी घोषणा थी। पेनोरमा तो अब बनेगा ।
रैगर महासभा के प्रतिनिधि सम्मेलन का बीजेपीकरण किया - लीलावती वर्मा (उदेनिया)
रैगर महासभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एंव राजस्थान प्रदेश काँग्रेस कमेटी की सचिव लीलावती वर्मा (उदेनिया) ने महासभा के कार्यक्रम का बीजेपीकरण करने का आरोप लगाया और कहा की काँग्रेस पार्टी से जुड़े नेताओ को मंच पर स्थान नहीं दिया गया। जबकि पेनोरमा सहित रैगर समाज को सम्पूर्ण राजस्थान मे छात्रावास भूमि आवंटन, धर्मशालाएँ आदि के लिए भूमि काँग्रेस के द्वारा ही दी गई है । रैगर समाज को भाजपा की सरकारों मे कही पर भी भूमि आंवटन नहीं हुई है । मुख्यमन्त्री रैगर समाज के चर्मकला बोर्ड पर एक शब्द नहीं बोले । प्रतिनिधि सम्मेलन के बहाने रैगर समाज को गुमराह किया गया । रेगर समाज के कुछ नेताओ ने स्वयं की राजनीति चमकाने के लिए सामाजिक कार्यक्रम का बीजेपीकरण किया ।
लीलावती वर्मा (उदेनिया) - राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रैगर महासभा एंव सचिव राजस्थान प्रदेश काँग्रेस कमेटी
क्या लीलावती का आरोप सही है ?
अगर लीलावती का आरोप सही है तो फिर श्री गंगानगर से समाज की एक मात्र सत्ताधारी पार्टी की जिला प्रमुख कविता रेगर, पूर्व विधायक बाबूलाल सिंघाड़िया जैसे लोगों को कार्यक्रम में मौजूद होते हुए मंच नहीं देना भी समाज में चर्चा का विषय बना हुआ ।
रैगर महासभा के संविधान में संशोधन का हुआ अनुमोदन
अखिल भारतीय रैगर महासभा के संविधान मे संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है । जिसमे प्रस्ताव लिया गया है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के चुनाव के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव भी एक साथ होगा । महासभा का पदाधिकारी रैगर समाज में जन्मा व्यक्ति ही पद प्राप्त कर सकता है । इस तरह अन्य प्रस्ताव लिए गए है । कहा जा रहा है कि कोरम के अभाव मे संशोधन होना संभव नहीं है । अभी यह जानकारी रजिस्ट्रार ऑफिस से अनुमोदन व मूल्यांकन होने के बाद ही जानकारी देना संभव होगा ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें